Friday, November 17, 2017

शांति सपरा, विपिन कुमार और बलविंदर कौर भाजपा से बाहर, नागी बने कौंसिल के उपप्रधान

राजपुरा (प्रदीप चौधरी):  पिछले दिनों नगर कौंसिल के प्रधान प्रवीण छाबड़ा ने अचानक से अपने पद से इस्तीफा दे दिया, कारण क्या था, भ्र्रष्टाचार या विपक्षी पार्टी का हत्यार? अभी खुलकर सामने नहीं आया है।  प्रवीण छाबड़ा के इस्तीफे के बाद तो एक से बढ़ कर एक पार्टी के लिए मर मिटने की कसमें खाने वाले पार्षदों और पार्टी से जुड़े सिपासिलारों ने कब अपनी कसमें तोड़ी,
स्वर्गीय खुराना साहिब के खासमखास
शांति सपरा  
किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई। बस एक के बाद एक अपनी पार्टी को छोड़ कांग्रेस में शामिल होने लगे। अब तो लोगों का इस तरफ ही ध्यान रहने लगा कि ना जाने अब पार्टी बदलने की किसकी खबर आने वाली है। खुराना साहिब के खासमखास शांति सपरा और खुराना साहिब के वार्ड से भाजपा की सीट से चुनाव लड़ने और जितने वाले विपिन कुमार से तो पार्टी को ऐसी उम्मीद नहीं थी, कि जब पार्टी को उनकी असलियत में जरूरत पड़ी तो वो दुम उठा कर भाग खड़े हुए। लेकिन पार्टी पर अपना हक जमाने के लिए अपनी कार पर भाजपा का बड़ा सा झंडा लगाकर पार्टी से मांग करने में हमेशा आगे रहे। चलो खैर पार्टी ने अब इन तीन सिपाहियों को 6 वर्ष के लिए आराम करने के लिए छोड़ दिया है। 
स्वर्गीय खुराना साहिब के वार्ड के पार्षद
विपिन कुमार  
अब इन तीनों के पास दो ही रास्ते है। पहला चुप करके अपने घरों में बैठ जाओ और अपने व्यापार पर ध्यान दो और दूसरा कांग्रेस पार्टी के दरवाजे सबके लिए खुले है और कांग्रेस ज्वाइन करने वालों के स्वागत के लिए विधायक साहिब हमेशा तैयार है और उनको पूरा मान सम्मान भी मिलेगा। चाहे वो खुद पार्टी छोड़कर आये या फिर पार्टी द्वारा लात मारकर निकाले गए हो।    

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